हम दोनो दो प्रेमी, दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्मे तोड़ चले
बाबूल की आए मोहे याद
जाने क्या हो अब इस के बाद
गाड़ी से कह दो चले तेज मंज़िल है दूर
थोड़ा सफ़र का मज़ा लिजिए, ऐ हुजूर
देखो ना छेड़ो इस तरह
रस्ता कटे फिर किस तरह
जाना कहा है बता उस शहर का नाम
ले चल जहा तेरी मर्ज़ी, ये तेरा है काम
मुझ पे है इतना ऐतबार,
मैने किया है तुम से प्यार
ऐसा न हो तू कभी छोड़ दे मेरा साथ
फिर न कभी कहना दिल तोड़नेवाली बात
मैने तो की थी दिल्लगी, मैने भी की थी दिल्लगी