मैं तेरे इश्क में, मर ना जाऊं कहीं
तू मुझे आजमाने की कोशिश ना कर
ख़ूबसूरत है तू, तो हूँ मैं भी हसीं
मुझसे नज़रें चुराने की कोशिश ना कर
मैं तेरे इश्क में…
शौक से तू मेरा इम्तिहान ले
तेरे क़दमों पे रख दी है जान ले
बेकदर, बेखबर मान जा ज़िद ना कर
तोड़कर दिल मेरा ऐ मेरे हमनशीं
इस तरह मुस्कुराने की कोशिश ना कर
ख़ूबसूरत है तू…
फेर ली क्यूँ नज़र मुझसे रूठ कर
दिल के टुकड़े हुए टूट-टूट कर
क्या कहा दिलरुबा तू है मुझसे खफा
इक बहाने है, ये हकीकत नहीं
तू बहाने बनाने की कोशिश ना कर
ख़ूबसूरत है तू…
कबसे बैठी हूँ में इंतज़ार में
झूठा वादा ही कर कोई प्यार में
क्या सितम है सनम, तेरे सर की कसम
याद चाहे न कर, तू, मुझे गम नहीं
हाँ, मगर भूल जाने की कोशिश ना कर
ख़ूबसूरत है तू…