तेरे मेरे मिलन की ये रैना
नया कोई गुल खिलायेगी
तभी तो चंचल हैं तेरे नैना
देखो ना
देखो ना, तेरे मेरे मिलन की ये रैना
(नन्हां सा गुल खिलेगा अँगना
सूनी बइंयाँ सजेगी सजना)
जैसे खेले चंदा बादल में
खेलेगा वो तेरे आंचल में
(चंदनिया गुनगुनायेगी)
तभी तो चंचल हैं तेरे नैना, देखो ना …
(तुझे थामे कई हाथों से
मिलूंगा मदभरी रातों में)
जगा के अनसूनी सी धड़कन
बलमवा भर दूंगी तेरा मन
(नई अदा से सतायेगी)
तभी तो चंचल हैं तेरे नैना, देखो ना .