मरीज़ ने अपने डॉक्टर से कहा कि, “डॉक्टर साहब, क्या आपको यकीन है कि मुझे मलेरिया ही है? दरअसल क्या है कि मैंने एक अखबार में एक मरीज के बारे में पढ़ा था कि डॉक्टर उसका मलेरिया का इलाज करते रहे और अंतत: जब वह मरा तो पता चला कि उसे टायफाइड था।”
डॉक्टर ने मरीज़ को समझाते हुए जवाब दिया, “आप घबराएं नहीं, मैं कोई ऐसा वैसा डॉक्टर नहीं हूँ, मेरे साथ ऐसा नहीं होगा। अगर मैं किसी का मलेरिया का इलाज करूंगा तो वह मलेरिया से ही मरेगा।”