एक अजीब सा मंजर नजर आता है,
हर एक आँसू संमनद नजर आता है,
कहां रखुं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ में पत्थर नजर आता है.
एक अजीब सा मंजर नजर आता है,
हर एक आँसू संमनद नजर आता है,
कहां रखुं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ में पत्थर नजर आता है.